मरहीमाता मंदिर के आसपास शराब बेचने पीने वाले कुल 10 व्यक्तियों पर आबकारी एक्ट के तहत की गई कार्यवाही
सिम्स प्रबंधन पर मरीज के परिजनों द्वारा गंभीर आरोप
विनिता जोशी बिलासपुर खबर है बिलासपुर जिले का जहां पर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला थीम्स एक बार फिर मानवता की सारी हदें लगता नगर आ रहा है वैसे तो सिम्स गरीब व असहाय वर्ग के लिए हमेशा से आशा की किरण साबित होती है परंतु हर बार और ज्यादातर लोगों के हाथ में निराशा ही हाथ लगती है ऐसा ही कुछ देखने को मिला 4 दिन पहले बिलासपुर सिम्स में भर्ती हुई आरती वैष्णव पति दुर्गेश वैष्णव ग्राम परसदा सकरी निवासी जो खाना बनाते वक्त आग से झुलस गई और आनन-फानन में उसे आशा की किरण याने सिम्स में दाखिल किया गया
यह सोच कर कि घर का लालन-पालन करने वाली इस मां को जल्द से जल्द सिम्स में ठीक कर दिया जाएगा परंतु हुआ इससे विपरीत सिम्स बिलासपुर जिले के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है जहां पर लगभग सारे बड़े केस आते हैं और यहां पर स्टाफ भी सबसे ज्यादा है परंतु सरकारी होने की वजह से सरकारी रवैया यहां के लोग नहीं छोड़ते आज 4 दिन बीत जाने के बाद भी आरती वैष्णव को इलाज नसीब नहीं हुआ थक हार कर परिजनों ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी और जब आरजे रमझाझर के रिपोर्टर विनीता जोशी पीड़ित महिला से मिलने पहुंचे तो उन्होंने देखा वे दर्द से कराह रही है और कोई भी उसे देखने के लिए सिम्स में स्टाफ मौजूद नहीं है इसके अलावा आरती वैष्णव की इतनी गंभीर स्थिति होने के बाद भी उसे जनरल वार्ड में रख दिया गया है और बस स्थिति ऐसी प्रतीत हो रही है कि वहां के स्टाफ सहित डॉक्टर बस उसकी मृत्यु की आस में अपने अपने घरों में बैठे इंतजार कर रहे हैं और हमेशा की तरह आरती के परिजन डॉक्टरों के मुरझाए सर्कल और दुखद समाचार सुनकर चीखते चिल्लाते खुद के बाल नुस्खे उल्टे पांव घर की ओर रुख करेंगे
बरहाल आरती वैष्णव सिम्स में जनरल वार्ड में एडमिट है और अब 4 दिन बीत चुका है खाना बनाते वक्त झुलसी इस महिला का इलाज अब तक नहीं हो पाया है कोई भी डॉक्टर इसे देखने को तैयार नहीं और सिम्स हमेशा की तरह अड़ियल रवैया अपनाते स्टाफ नहीं होने कि रोना रो रहा है अब खबर के प्रसारण उपरांत यह देखनी विषय होगा कि क्या आरती की जान सिम्स में बचेगी या फिर हमेशा की तरह सिम्स स्टाफ अपनी रोना रोते परिजनों को खाली हाथ वापस भेजते हैं
बिलासपुर सिम्स से विनीता जोशी की रिपोर्ट